Tuesday 2 October 2012


1 comment:

  1. भाई क्या खूब भाव पिरोये हैं आपने .. माँ शारदे आपका पुण्य मार्ग प्रशस्त करे |
    मुझे ख़ास कर तीसरा अंश बहुत करीब महसूस हुआ |
    जाने क्यूँ मुझे एक द्वन्द बहुत भा रहा है |
    इस रचना से मुलाक़ात कराने का आपका सादर आभार |

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